सितोपलादि चूर्ण के 10 फायदे, जानकर रह जाएंगे हैरान

सितोपलादि चूर्ण का उपयोग खांसी-सर्दी और सांस से जुड़ी बीमारियों के लिए किया जाता है। छत्तीसगढ़ के जंगलों में प्राकृतिक रूप से जड़ी-बुटिया विभिन्न शारीरिक समस्याओं के लिए रामबाण है। सितोपलादि चूर्ण को मुख्यतः तीन महत्वपूर्ण जड़ी-बुटी वंशलोचन, पिप्पली और दालचीनी के मिश्रण से बनाया जाता है। इसके साथ इसमें मिश्री और हरी इलायची भी मिलाई जाती है।

वंशलोचन - वंशलोचन एक ऐसी जड़ी-बुटी है, जो एक प्रकार के बांस में पाई जाती है। बहुत सी प्रसिद्ध आयुर्वेदिक दवाइयों में वंशलोचन का उपयोग किया जाता है। वंशलोचन ठंडे तासिर का होता है और स्वाद में मीठा और हल्का कसैला होता है। आयुर्वेद के अनुसार, यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करता है। वंशलोचन रोगाणुओं को मारता है और उनकी वृद्धि को रोकता है।

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पिप्पली - पिप्पली का उपयोग आमतौर पर खांसी, सर्दी, पाचन संबंधी समस्याओं, प्रजनन संबंधी जटिलताऔं से लेकर मानसिक असंतुलन जैसी कई समस्याओं में किया जाता है। यह सांस लेने वाली नली से कफ और बलगम के स्राव को बढ़ावा देता है और उनसे छुटकारा दिलाता है।

दालचीनी - आयुर्वेद में दालचीनी को ‘त्वक’ के रूप में बताया गया है। दालचीनी का स्वाद तीखा और मीठा होता है, और इसकी तासीर गर्म होती है। यह एडिमा, फ्लू, बदहज़मी, खांसी आदि जैसी कई बीमारियों के इलाज में फ़ायदेमंद माना जाता है। ‘कफवात’ वाले लोगों को इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है।

सितोपलादि चूर्ण के फायदे

सितोपलादि चूर्ण एक ऐसी आयुर्वेदिक दवा है जिसका उपयोग मुख्य रूप से खांसी और सामान्य सर्दी के इलाज के लिए किया जाता है। इसके अलावा शरीर की तमाम समस्याओं में भी सितोपलादि चूर्ण बेहद लाभकारी है।

अस्थमा के लिए सितोपलादि चूर्ण

सितोपलादी चूर्ण अस्थमा के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। इसका सेवन सूजन और बलगम जैसी समस्याओं को कम करने में मदद करता है।

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सर्दी-खांसी के लिए सितोपलादि चूर्ण

सर्दी-खांसी होने पर सितोपलादि चूर्ण के सेवन को बेहद फायदेमंद माना जाता है। सितोपलादि चूर्ण में एंटी वायरल गुण पाये जाते हैं, जो सर्दी-खांसी जैसे वायरल इंफेक्शन को कम करने में मदद करते हैं। सितोपलादि चूर्ण का उपयोग छाती में जमाव और अन्य श्वसन रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। यह बलगम को ढीला और बाहर निकालने में मदद करता है।

गले की खराश के लिए सितोपलादि चूर्ण

सितोपलादि चूर्ण में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो गले में खराश और सूजन जैसी समस्याओं को कम करने में मददगार साबित होते हैं।

पाचन तंत्र के लिए सितोपलादि चूर्ण

सितोपलादि चूर्ण पेट संबंधी समस्याओं के लिए रामबाण है। यह चूर्ण पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान करता है। साथ ही कब्ज, एसिडिटी जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

माइग्रेन के लिए सितोपलादि चूर्ण

माइग्रेन की शिकायत होने पर सितोपलादि चूर्ण का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि सितोपलादि चूर्ण में एंटी इंफ्लेमेटरी तत्व पाए जाते हैं, जो दर्द को कम करने में मददगार साबित होता है।

साइनस में सितोपलादि चूर्ण

साइनस की बीमारी में भी सितोपलादि चूर्ण का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है। इसलिए जिन लोगों को साइनस की शिकायत हो, उनको सितोपलादि चूर्ण का सेवन करना चाहिए।

इम्युनिटी बढ़ाने के लिए सितोपलादि चूर्ण

शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए सितोपलादि चूर्ण काफी फायदेमंद होता है। जो लोग अक्सर बीमार पड़ते हैं, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, लेकिन अगर आप सितोपलादि चूर्ण का सेवन करते हैं, तो इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। जिससे आप बार-बार किसी भी बीमारी की चपेट में आने से बच सकते हैं।

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एनीमिया में सितोपलादि चूर्ण

शरीर में खून की कमी को पूरी करने के लिए भी सितोपलादि चूर्ण लाभदायक है। यह हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाता है, जिससे खून की मात्रा की पूर्ति बेहतर तरह से होती है।

एलर्जी के लिए सितोपलादि चूर्ण

सितोपलादि चूर्ण एलर्जी से ग्रस्त लोगों को इससे छुटकारा दिलाने में मदद करता है। एलर्जी की वजह से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित होती है। और इससे नाक बहना, गले में खराश और आंखों से पानी आना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। सितोपलादि चूर्ण में एंटीहिस्टामाइन गुण होते हैं जिनका उपयोग एलर्जी के खिलाफ लड़ाई में किया जाता है।

डायबीटिज के लिए सितोपलादि चूर्ण

सितोपलादि चूर्ण का उपयोग डायबीटिज के स्तर को नियंत्रित करने के लिए भी किया जाता है। यह शरीर को स्टार्च को अवशोषित करने से रोकता है और फूर्ति प्रदान करता है।

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सितोपलादि चूर्ण के अनेक फायदे हैं। यह शरीर की तमाम समस्याओं को ठीक करने के लिए मददगार है। इसका सेवन ज्यादातर शहद के साथ किया जाता है। आप बेहतर अनुभव के लिए छत्तीसगढ़ हर्बल्स का शहद भी उपयोग में ला सकते हैं। सितोपलादि चूर्ण के साथ ऑर्गेनिक वाइल्ड फॉरेस्ट हनी बेहद असरकारक साबित होगा।